नई दिल्ली : देश में लगातार बढ़ती महंगाई के बीच थोक उपभोक्ताओं को बड़ा झटका लगा है। थोक उपभोक्ताओं के लिए डीजल की कीमतों में 25 रुपये प्रति लीटर की बढ़ोतरी की गई है। सूत्रों का कहना है कि थोक ग्राहकों को बिक्री वाला डीजल 25 रुपये प्रति लीटर महंगा हो गया है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की कीमतों में 40 प्रतिशत के उछाल के बाद यह कदम उठाया गया है।
हालांकि, पेट्रोल पंपों के जरिये बेचे जाने वाले डीजल की खुदरा कीमतों में कोई बदलाव नहीं हुआ है। इस महीने पेट्रोल पंपों की बिक्री में 20 प्रतिशत का उछाल आया है। बस बेड़े के परिचालकों और मॉल जैसे थोक उपभोक्ताओं ने पेट्रोल पंपों से ईंधन खरीदा है। आमतौर पर वे पेट्रोलियम कंपनियों से सीधे ईंधन की खरीद करते हैं। इससे ईंधन की खुदरा बिक्री करने वाली कंपनियों का नुकसान बढ़ा है। सबसे अधिक प्रभावित नायरा एनर्जी, जियो-बीपी और शेल जैसी कंपनियां हुई हैं।
बिक्री बढ़ने के बावजूद इन कंपनियों ने अभी तक मात्रा में कमी नहीं की है, लेकिन अब पंपों के लिए परिचालन आर्थिक रूप से व्यावहारिक नहीं रह जाएगा। मामले की जानकारी रखने वाले तीन सूत्रों ने कहा कि रिकॉर्ड 136 दिन से ईंधन कीमतों में बढ़ोतरी नहीं हुई है, जिसकी वजह से कंपनियों के लिए इन दरों पर अधिक ईंधन बेचने के बजाय पेट्रोल पंपों को बंद करना अधिक व्यावहारिक विकल्प होगा। वर्ष 2008 में रिलायंस इंडस्ट्रीज ने बिक्री घटकर ‘शून्य’ पर आने के बाद अपने सभी 1,432 पेट्रोल पंप बंद कर दिए थे l
सूत्रों ने कहा कि कुछ यही स्थिति आज भी बन रही है। थोक उपभोक्ता पेट्रोल पंपों से खरीदारी कर रहे हैं। इससे इन रिटेलरों का घाटा बढ़ रहा है। मुंबई में थोक उपभोक्ताओं के लिए डीजल का दाम बढ़कर 122.05 रुपये प्रति लीटर हो गया है। पेट्रोल पंपों पर डीजल 94.14 रुपये प्रति लीटर के भाव बिक रहा है। इसी तरह दिल्ली में पेट्रोल पपों पर डीजल 86.67 रुपये प्रति लीटर है जबकि थोक या औद्योगिक ग्राहकों के लिए इसकी कीमत 115 रुपये प्रति लीटर है।