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मौसम विभाग ने जारी किया येलो अलर्ट, जानें कितने रंग के अलर्ट भेजे जाते हैं और इनके पीछे क्या कारण है

गर्मी के महीनों में लू, सर्दी के महीनों में शीत लहर, मूसलाधार बारिश या भीषण चक्रवाती तूफान, यह सब हमें प्रभावित करते हैं. जब मौसम प्रचंड रूप अपना लेता है, तब मौसम विभाग अलग-अलग रंग के अलर्ट भेजता है. आइए इस आर्टिकल में जानते हैं रेड, येलो और ऑरेंज अलर्ट क्या होते हैं और किन परिस्थितियों में भेजे जाते हैं.प्रंचड गर्मी के कारण पिछले कुछ दिनों से देशभर में ग्रीष्म लहर (Heat Wave) यानी लू चल रही थी. अब मौसम विभाग (IMD) के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ (Western Disturbance) सक्रिय हो गया है, जिसके कारण तापमान में कमी दर्ज होगी. यही नहीं मौसम विभाग ने आंधी-तूफान का येलो अलर्ट भी जारी किया है. मौसम विभाग हर मौसम के हिसाब से तीन अलर्ट जारी करता है. यह तीन अलर्ट हैं रेड, ऑरेंज और येलो अलर्ट. इनके अलावा ग्रीन अलर्ट भी होता है, लेकिन उसका इतना महत्व नहीं है. आइए जानते हैं मौसम विभाग के इन अलग-अग रंग के अलर्ट का क्या मतलब होता है.मौसम की गंभीरता को बताने के लिए मौसम विभाग कुछ चुनिंदा रंगों का इस्तेमाल करता है. इन रंगों को देखकर ही आप मौसम की गंभीरता के बारे में अंदाजा लगा सकते हैं. मौसम विभाग ने इन अलग-अलग रंग के अलर्ट्स का चुनाव कई एजेंसियों के साथ मिलकर किया है. इस तरह से अलर्ट जारी करके सरकार और सरकारी एजेंसियां जान-माल के नुकसान को कम से कम करने की कोशिश करती हैं.

 

मौसम विभाग प्रचंड गर्मी के दिनों में भी यह अलग-अलग रंग के अलर्ट जारी करता है और हड्डियां गला देने वाली ठंड में भी इस तरह के अलर्ट जारी किए जाते हैं. मानसून के मौसम में नॉनस्टॉप बरसने वाले बादलों और सालभर चक्रवाती तूफान और आंधी के लिए भी अलग-अलग रंग के अलर्ट जारी किए जाते हैं.इन अलर्ट को समझना उतना भी पेचीदा नहीं है, जितना आमतौर पर लोग समझते हैं. जैसे-जैसे कोई भी मौसम प्रचंड रूप धारण करता है, वैसे-वैसे अलर्ट का रंग पीले से गुलाबी और फिर सुर्ख लाल होने लगता है. तूफान के मामले में जैसे-जैसे तूफान अपनी चरम की तरफ बढ़ता है और उसके नुकसान पहुंचाने की क्षमता बढ़ती है वैसे-वैसे अलर्ट लाल रंग की तरफ बढ़ने लगता है.चलिए इन अलर्ट को और करीब से समझते हैं.

येलो अलर्ट (Yellow Alert) – येलो अलर्ट खतरे की पहली घंटी है. जब मौसम विभाग येलो अलर्ट जारी करता है तो वह आपको सचेत रहने के लिए कहता है. आपको मौसम पर नजर बनाए रखनी होती है.

 

ऑरेंज अलर्ट (Orange Alert) – खतरे की दूसरी घंटी. मौसम जब कुछ और बिगड़ता है, तो अलर्ट का रंग येलो से बदलकर ऑरेंज में हो जाता है. इसका मतलब है कि अब आपको सिर्फ नजर बनाकर नहीं रखनी है, बल्कि इधर-उधर जाने से भी बचना चाहिए और अगर जाना जरूरी हो तो अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिएरेड अलर्ट (Red Alert) – इसका सीधा मतलब यह है कि सावधान हो जाएं, अब खतरा आपके सामने है. जब मौसम और बिगड़ जाता है और भारी नुकसान होने की आशंका होती है तो मौसम विभाग रेड अलर्ट जारी करता है. अगर रेड अलर्ट जारी होता है तो आपको तमाम नियमों का पालन करना चाहिए और जब मौसम विभाग से हरी झंडी मिले, तभी घर से बाहर निकलना चाहिए.

ग्रीन अलर्ट (Green Alert) – जैसा कि हम ऊपर बता चुके हैं, यह कोई अलर्ट नहीं है. बल्कि यह सुकून भरी सांस है कि हमें कोई दिक्कत नहीं होगी. प्रचंड मौसम के बाद जब हालात सामान्य हो जाते हैं तो मौसम विभाग ग्रीन अलर्ट भेजता है, इसका मतलब है कि अब आप सुरक्षित महसूस कर सकते हैं.

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