सीएचसी शोहरतगढ़़ के इमरजेंसी वार्ड में नदारख दिखे डॉक्टर, डीएम-सीएमओ के पास पहुंची शिकायत
अनिल कुमार ( तहसील प्रभारी शोहरतगढ़,सिद्धार्थनगर )
सिद्धार्थनगर।शोहरतगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र खुद इलाज के लिए तरस रहा है। लोग कहते है कि समय रहते अगर इसका इलाज नहीं हुआ तो इस हॉस्पिटल को गम्भीर बीमारी हो सकती है। ताजा मामला शोहरतगढ़ कस्बे का है। शनिवार को इलाज के लिए शोहरतगढ़ सीएचसी पहुंचे नगर के वार्ड नं0-6 आर्यनगर निवासी मुजम्मिल अंसारी की इलाज शुरू होने से पहले ही मौत हो गई। परिजनों ने डाक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है। परिजन अरमान अंसारी ने बताया बीती शुक्रवार की रात्रि करीब 2 बजे हम लोग सीएचसी शोहरतगढ़ आए थे, जहां डाक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद स्वस्थ बताकर घर भेज दिया। शनिवार को करीब 3 बजे के आस-पास जब उन्हें फिर अचानक दर्द का एहसास हुआ तो हम लोग शोहरतगढ़ सीएचसी ले गए, जहां मौके पर कोई भी डाक्टर मौजूद नहीं था। करीब 30 मिनट के इंतजार के बाद भी मौके पर कोई डाक्टर नहीं आया। हम लोगों ने मामले की जानकारी अधीक्षक डॉ0 सौरभ चतुर्वेदी को दी, उन्होंने कहा कि मैं डाक्टर को भेज रहा है, इसके बाद भी कोई भी आया। लापरवाही का अलाम यह है कि इलाज के अभाव में ही मेरे पिता मुजम्मिल की मौत हो गई। लापरवाही के कारण घटी घटना को लेकर परिजनों समेत वहां मौजूद लोगों में काफी आक्रोश दिख रहा था। बहरहाल वहां मौजूद संभ्रान्त व्यक्तियों के समझाने बुझाने के बाद परिजन डेड बॉडी को लेकर घर लौट गई। घटना की सूचना पर पहुंचे चेयरमैन प्रतिनिधि रवि अग्रवाल ने जिलाधिकारी सिद्धार्थनगर से वार्ता कर उन्हें मौके की घटना से अवगत कराया। साथ ही निवेदन किया कि इमरजेंसी में तैनात डाक्टरों की सूची नियमित बोर्ड पर चस्पा किया जाए। इमरजेंसी में तैनात डाक्टरों एवं कर्मियों द्वारा किसी प्रकार की लापरवाही न बरती जाए। उक्त के सन्दर्भ में जब अधीक्षक डॉ0 सौरभ चतुर्वेदी से बात की गयी तो उन्होंने बताया मै फील्ड में हूं। मौके पर डॉ0 अमित कुमार तैनात है। मैं डाक्टर साहब को बोल रहा हूं। अब सवाल यह है कि जब रोगी की मौत हो जायेगी तो फिर डाक्टर साहब किस हालत में क्या देखेंगे समझ से परे है। इस सन्दर्भ में मुख्य चिकित्सा अधिकारी से बात की गई तो उन्होंने घटना की जांच कराकर कार्यवाही करने की बात कही।